आदरणीय भाईयों, मित्रों एवं बंधुओं

आदरणीय भाईयों, मित्रों एवं बंधुओं
               
                 मित्रों एक निवेदन करना चाहता हू, कि यह शादी ब्याह का मौसम आने वाला है मेरे कई सामाजिक भाइयों के घरों में बेटी या बेटों की शादी होने वाली है , आमंत्रण पत्र छपने वाले है , एक करबद्ध निवेदन है की , अपने ,: आमंत्रण पत्र में एक लाइन अवश्य छपवाएं :- उतना ही लें थाली में , बाकी न जाये नाली में । मेरे देश में बहुत से मेरे भाई  भूखे ही सो जाते है

खाओ मन भर, छोडो ना कण भर

यदि आप मेरी बात से सहमत है तो कृपया एक दुसरे को जागरुक करे   

            बहुत बहुत धन्यवाद।

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