आहिस्ता सें पढना मेरे दोस्त, एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो कविता सार्थक हो जायेगी .....

आहिस्ता सें पढना मेरे दोस्त, एक वाक्य भी दिल में बैठ गया तो कविता सार्थक हो जायेगी .....

🥀 मैं रूठा,
      तुम भी रुठ गए,
      फिर मनाएगा कौन? 🥀

🥀 आज दरार है,
      कल खाई होगी,
      फिर भरेगा कौन? 🥀

🥀 मैं चुप,
      तुम भी चुप,
      इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन? 🥀

🥀 छोटी बात को लगा लोगे दिल सें,
      तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन? 🥀

🥀 दु:खी मैं भी और तुम भी बिछडकर,
      सोचो हाथ फिर बढाएगा कौन? 🥀

🥀 न मैं राजी,
      न तुम राजी,
      फिर माफ करनें का बडप्पन
      दिखाएगा कौन? 🥀

🥀 डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
      तो फिर धैर्य बंधाएगा कौन? 🥀

🥀 एक अहम् मेरे,
      एक तेरे भीतर भी,
      इस अहम् को फिर हराएगा कौन? 🥀

🥀 जिंदगी किसको मिली है सदा के लिए,
      फिर इन लम्हों में अकेला
      रह जाएगा कौन? 🥀

🥀 मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन,
      एक ने आँखे ....
      तो कल इस बात पर फिर
      पछतायेगा कौन? 🥀

😊 Respect Each Other
          Ignore Mistakes
                          Avoid Ego

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