Thoughts 05

मनुष्य का अमूल्य धन
उसका व्यवहार है,
इस धन से बड़कर
 संसार में कोई और धन नहीं।

      पैसा आता है चला जाता है,
पैसा आपके हाँथ में नहीं है
 पर व्यवहार आपके हांथों में हैं

 व्यवहारकुशल बने रहिये,
             *सदैव प्रसन्न रहें।*l 

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