तपस्या अगर पार्वती की थी

तपस्या अगर पार्वती की थी
तो प्रतीक्षा शिव की भी रही होगी
आँखों में आँसू सीता के थे
तो तङप राम की भी रही होगी
राधा कृष्ण को न पा सकीं
तो अधूरे कृष्ण भी रहे होगें

जीवन जब ईश्वर के लिए सरल न था
तो हम मनुष्यों का आसान कैसे हो सकता है

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